The Ultimate Guide To Shodashi
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दिव्यौघैर्मनुजौघ-सिद्ध-निवहैः सारूप्य-मुक्तिं गतैः ।
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥९॥
The Mahavidya Shodashi Mantra aids in meditation, enhancing internal serene and emphasis. Chanting this mantra fosters a deep perception of tranquility, enabling devotees to enter a meditative condition and connect with their inner selves. This reward boosts spiritual recognition and mindfulness.
सर्वानन्द-मयेन मध्य-विलसच्छ्री-विनदुनाऽलङ्कृतम् ।
पद्मरागनिभां वन्दे देवी त्रिपुरसुन्दरीम् ॥४॥
अष्टारे पुर-सिद्धया विलसितं रोग-प्रणाशे शुभे
हस्ताग्रैः शङ्खचक्राद्यखिलजनपरित्राणदक्षायुधानां
वृत्तत्रयं च धरणी सदनत्रयं च श्री चक्रमेत दुदितं पर देवताया: ।।
हार्दं शोकातिरेकं शमयतु ललिताघीश्वरी पाशहस्ता ॥५॥
हस्ते पाश-गदादि-शस्त्र-निचयं दीप्तं वहन्तीभिः
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥५॥
संकष्टहर या संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत विधि – sankashti ganesh chaturthi
तिथि — किसी भी मास की अष्टमी, पूर्णिमा और नवमी का दिवस भी इसके लिए श्रेष्ठ कहा गया है जो व्यक्ति इन दिनों में भी इस साधना को सम्पन्न नहीं get more info कर सके, वह व्यक्ति किसी भी शुक्रवार को यह साधना सम्पन्न कर सकते है।
स्थेमानं प्रापयन्ती निजगुणविभवैः सर्वथा व्याप्य विश्वम् ।